Tuesday, 17 August 2010

कि मैं पैर तक पड़ने को तैयार हूं के बाद भी नहीं थमा शीतयुद्ध

उज्जैन, 17 अगस्त (डॉ. अरुण जैन)। विक्रम के कुल में चल रहा शीतयुद्ध कुलपति के यह कहने कि मैं पैर तक पड़ने को तैयार हूं के बावजूद नहीं थम रहा। कुलपति ने ये शब्द सोमवार दोपहर हड़ताली कर्मचारियों के सामने तब कहे जब वे उनसे मुलाकात करने विश्विद्यालय पहुंचे। कर्मचारियों ने सोमवार को भी काम बन्द रखा।
तृतीय व चतुर्थ रेणी कर्मचारियों ने पांच सूत्रीय मांगों को लकेर सोमवार सुबह बैठक कर कामकाज बन्द कर दिया। समर्थन में अन्य कर्मचारी भी काम बन्द कर यूनिवर्सटी परिसर में एकत्र हो गए। दोपहर करीब 1 बजे कुलपति डॉ. शिवपालसिंह अहलावत कर्मचारियों से मिलने पहुंचे व उन्हें बातचीत से मनाने का प्रयास किया। उन्होंने कई कर्मचारियों के सामने कहा मैं कुल का बुजुर्ग हूं। बार-बार अपमानित होना मुझे अच्छा नहीं लग रहा। अगर आप लोग चाहते हैं तो विश्विद्यालय और छात्रों के हित के लिए मैं आपके पैर तक पड़ सकता हूं। सोमवार शाम कुलपति डॉ. अहलावत के साथ कर्मचारियों की बेनतीजा बैठक हुई, इसमें दो मांगों को कार्यपरिषद में ले जाने व अन्य दो मांगों पर सहमति बनाने की चर्चा हुई, लेकिन कर्मचारी पांचों मांगों को लेकर अड़े रहे।

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